लेखनी कहानी -30-Apr-2022 कलम की जुबां
रचीयता-प्रियंका भूतड़ा
शीर्षक- कलम की है जुबां
कलम की है जुबां
कलम सीना तान के खड़ा
कर रहा है अब अपनी बयां
पकड़ी जब यमराज ने कलम
मृत्यु का लेखा लिख गई कलम
कलम की है जुबां
पकड़ी जब डॉक्टर ने कलम
दवा का काम कर गई कलम
कलम की है जुबां
पकड़ी जब पुलिस ने कलम
जुल्म लिख गई कलम
कलम की है जुबां
पकड़ी जब जज ने कलम
न्याय दिला गई कलम
कलम की है जुबां
पकड़ी जब बिल्डर ने कलम
बड़े-बड़े घर बना गई कलम
कलम की है जुबां
पकड़ी जब शिक्षक ने कलम
ज्ञान का प्रकाश फैला गई कलम
कलम की है जुबां
पकड़ी जब चित्रकार ने कलम
चित्र का व्यंग कर गई कलम
कलम की है जुबां
पकड़ी जब वैज्ञानिक ने कलम
नए अविष्कार लिख गई कलम
कलम की है जुबा
पकड़ी जब प्रियंका (लेखनी) ने कलम
अपने भाव लिख गई कलम
कलम की है जुबां
सप्ताह की 21वी कविता
Gunjan Kamal
01-May-2022 01:34 AM
बेहतरीन अभिव्यक्ति
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Simran Bhagat
30-Apr-2022 09:30 PM
👌👌
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Zainab Irfan
30-Apr-2022 05:31 PM
👌🙏🏻
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